महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विधानसभा में कब बहुमत साबित करना होगा इस पर फ़ैसला मंगलवार को आएगा.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है. इस तरह से
बीजेपी को महाराष्ट्र में बहुमत साबित करने के लिए एक और दिन का वक़्त मिल
गया है. उधर एनसीपी, कांग्रेस और शिव सेना ने 162 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपने का दावा किया है. एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा है कि बीजेपी को समर्थन देने वाले अजित पवार को मना लिया जाएगा.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 80 मिनट की सुनवाई में सभी पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं. ग़ैर-बीजेपी गठबंधन की ओर से दलील देते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने 48 एनसीपी विधायकों के समर्थन की चिट्ठी दिखाते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि उनके पास 54 विधायकों का समर्थन है और हमारे पास भी 48 विधायकों का.
तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा है कि राज्यपाल को सौंपी गई चिट्ठी में अजित पवार ने ख़ुद को एनसीपी के विधायक दल का नेता बताया है और 54 विधायकों के समर्थन के साथ देवेंद्र फडणवीस को समर्थन देने की बात कही है. इस चिट्ठी के साथ एनसीपी के 54 विधायकों के हस्ताक्षर हैं.
ये चिट्ठी मराठी में लिखी है और सुप्रीम कोर्ट ने इसका अनुवाद मांगा है.
तुषार मेहता ने राज्यपाल की ओर से देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का न्योता देने की चिट्ठी भी शीर्ष अदालत में पेश की है. इन दोनों चिट्ठियों की मांग सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में की थी.
उन्होंने कहा, ''क्या सुप्रीम कोर्ट इसकी अनदेखी कर सकता है. जब दोनों ही पक्ष बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं तो देर किस बात की है.''
शनिवार सुबह अचानक से पता चला कि देवेंद्र फडणवीस को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की.
शिव सेना की ओर से दलील देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सुबह 5.17 पर राष्ट्रपति शासन हटाने की क्या जल्दी थी? सिब्बल ने कहा, ''ऐसी कौन सी आपातकाल की स्थिति आ गई थी कि देवेंद्र फडणवीस को सुबह आठ बजे शपथ दिलवाई गई. जब ये बहुमत का दावा कर रहे हैं तो इसे साबित करने से क्यों बच रहे हैं.''
राज्यपाल के सचिवालय की ओर से पैरवी करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 22 नवंबर को अजित पवार ने चिट्ठी लिखा समर्थन देने की घोषणा की थी.
तुषार मेहता ने अजित पवार के समर्थन की चिट्ठी को भी कोर्ट के सामने पेश किया.