Monday, September 17, 2018

प्रेस रिव्यू : राहुल गांधी का मैगा रोड-शो और सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति

लाश मानसरोवर यात्रा के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की मध्यप्रदेश की पहली चुनावी यात्रा भी सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे से शुरू हो रही है.
दैनिक भास्कर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों के अधिकारों पर चार्टर का ड्राफ्ट जारी किया है. अगर यह लागू हो गया तो अस्पताल बिल भुगतान पर विवाद होने की स्थिति में मरीजों को छुट्टी देने से इनकार नहीं कर सकेंगे.
ड्राफ्ट के मुताबिक, अस्पताल किसी हालत में अपने यहां मरीजों को बंधक बनाकर नहीं रख सकते हैं. वे अस्पताल के बिल में भुगतान को लेकर विवाद जैसे प्रक्रियागत आधार पर मरीजों को छुट्टी देने से इनकार भी नहीं कर सकते हैं.
दैनिक जागरणमें छपी ख़बर से पता चलता है कि दो साल पहले तक भारत की नदिया 302 जगहों पर प्रदूषित थीं लेकिन अब 351 जगहों पर प्रदूषित हो गईं हैं.
जहां गंगा की सफ़ाई के लिए 20 हज़ार करोड़ का आवंटन सरकार की कोशिशों का एक नमूना है वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि बिहार और उत्तर प्रदेश में नदियां कम प्रदूषित हैं.
महाराष्ट्र, असम और गुजरात में की नदियां कहीं ज़्यादा प्रदूषित हैं. 351 से में से 117 जगहें तो इन्हीं तीनों राज्य में हैं.
रात के समय फ़ोन कॉल, एसएमएस या व्हाएट्सऐप से नहीं मांग सकते वोट
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद रात के समय फ़ोन कॉल, एसएमएस या व्हाएट्सऐप संदेश के ज़रिए वोट मांगने पर चुनाव आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया है.
यह प्रावधान ठीक उसी तरह होगा जैसे चुनाव प्रचार अभियान के मामले में नियम हैं. रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक चुनाव प्रचार पर रोक रहती है.
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक़ निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर आगामी सभी चुनावों के लिए तुरंत प्रभाव से यह प्रतिबंध लागू किया है.
उल्लंघन होने पर शिकायत के लिए चुनाव आयोग ने एक विशेष मोबाइल ऐप भी बनाया है.
की इस रिपोर्ट में लिखा है कि अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज की देखभाल कर रहे उसके परिजनों का भी उसके शव पर अधिकार है. परिजन की इच्छा के ख़िलाफ़ अस्पताल कोई शुल्क वसूलता है या अस्पताल के बिल के भुगतान के संबंध में कोई विवाद होता है तो भी शव को अस्पताल में रोककर नहीं रखा जा सकेगा.
साथ ही हर अस्पताल और क्लीनिक को आंतरिक शिकायत निवारण सिस्टम बनाना होगा.
अख़बार की रिपोर्ट कहती है कि इंदौर के लालघाटी चौराहे पर पार्टी के मंच पर 11 कन्याएं राहुल को तिलक करेंगी और इतने ही ब्राह्मण स्वस्ति वाचन करते हुए शंख ध्वनि करेंगे.
इसके साथ ही यहां से क़रीब डेढ़ बजे शुरु होगा उनका 12 किलोमीटर लंबा मैगा रोड-शो. कांग्रेस पार्टी ने राहुल के दौरे को 'कार्यकर्ता सम्मेलन' का नाम दिया है.
लालघाटी से दशहरा मैदान तक पोस्टर-होर्डिंग्स और फ्लेक्स लगाए गए हैं.
होर्डिंग्स में शिव भक्त राहुल के पोस्टर, उनकी कैलाश मानसरोवर की यात्रा और राम वन गमन पथ का ज़िक्र है.
फ़्रांस के मशहूर उपन्यासकार होनोरे डि बाल्ज़ाक मानते थे कि कॉफ़ी दिमाग़ को खोल देता है.
बाल्ज़ाक हर शाम पेरिस की गलियों को छानते हुए उस कैफे तक पहुंचते थे जो आधी रात के बाद तक खुला रहता था. कॉफ़ी पीते हुए वे सुबह तक लिखते रहते थे.
कहा जाता है कि बाल्ज़ाक एक दिन में 50 कप कॉफ़ी पी जाते थे.
भूख लगने पर बाल्ज़ाक चम्मच भर कॉफ़ी के दानों को चबा लेते थे. उन्हें लगता था कि ऐसा करने से उनके दिमाग़ में विचार ऐसे कौंधते हैं जैसे जंग के खाली मैदान में सेना की बटालियन मार्च करते हुए चली आ रही हो.
बाल्ज़ाक ने करीब 100 उपन्यास, लघु उपन्यास और नाटक लिखे. हृदय गति रूक जाने से केवल 51 साल की उम्र में उनका निधन हुआ.
सदियों से लोग कॉफ़ी पी रहे हैं. लेकिन बाल्ज़ाक जिस वजह से कॉफ़ी पीते थे, वैसा अब नहीं है.
नई पीढ़ी नये प्रयोग कर रही है. वह नई और स्मार्ट दवाइयां ले रही है, जिनके बारे में वे मानते हैं कि वह उनकी दिमाग़ी ताक़त बढ़ाती है और उनको काम में मदद करती है.
हाल में अमरीका में कराये गए सर्वे में 30 फ़ीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने ऐसी दवाइयां ली हैं. मुमकिन है कि भविष्य में सभी लोग इनका सेवन करने लगें, परिणाम चाहे जो भी हो.
सवाल है कि क्या नई दवाइयों के इस्तेमाल से दिमाग़ ज़्यादा काम करने लगेगा? नये आविष्कार होने लगेंगे या आर्थिक तरक्की की रफ़्तार को पंख लग जाएंगे? जब लोग ज़्यादा सक्षम हो जाएंगे तो क्या उनके सारे काम जल्दी ख़त्म होने लगेंगे और वीकेंड बड़ा हो जाएगा?न सवालों के जवाब तलाशने से पहले देखते हैं कि कौन-कौन सी दवाइयां उपलब्ध हैं.
पहला स्मार्ट ड्रग पाइरासेटम है, जिसे रोमानिया के वैज्ञानिक कॉर्नेल्यु ग्युर्जी ने साठ के दशक की शुरुआत में खोजा था.
ग्युर्जी उन दिनों एक ऐसे रसायन की खोज कर रहे थे जो लोगों को सोने में मदद करे. महीनों के प्रयोग के बाद उन्होंने 'कंपाउंड 6215' तैयार किया.
ग्युर्जी का दावा था कि यह सुरक्षित है और इसके बहुत ही कम साइड इफेक्ट हैं. लेकिन उसने काम नहीं किया. ग्यूर्जी की दवा से किसी को नींद नहीं आई, बल्कि इसका उल्टा असर हुआ.
पाइरासेटम का एक साइड इफेक्ट हुआ. जिन मरीजों ने कम से कम एक महीने तक यह दवा ली थी, उनकी याददाश्त बढ़ गई.
ग्युर्जी को अपनी खोज की अहमियत का तुरंत अहसास हो गया. उन्होंने एक नया शब्द बनाया- नूट्रोपिक. यह ग्रीक भाषा के दो शब्दों को मिलाने से बना था, जिसका अर्थ है- दिमाग़ को मोड़ना.
पाइरासेटम छात्रों और पेशेवर युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय है. वे इसके सहारे अपना प्रदर्शन सुधारना चाहते हैं. हालांकि ग्यूर्जी की खोज के दशकों बाद भी इस बात के सबूत नहीं है कि यह दवा किसी स्वस्थ व्यक्ति की दिमाग़ी क्षमता को बढ़ाती है.
ब्रिटेन में डॉक्टर भी अपनी पर्चियों पर यह दवा लिखते हैं, लेकिन अमरीका में इसे बेचने की इजाज़त नहीं है.
टेक्सास के उद्यमी और पॉडकास्टर मंसल डेन्टॉन फेनाइल पाइरासेटम की गोली लेते हैं. इस दवा को सोवियत संघ ने अपने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बनाया था. यह दवा उन्हें अंतरिक्ष के जीवन के तनाव से निपटने में मदद करता था.
डेन्टॉन कहते हैं कि वे जब यह गोली लेते हैं तो उन्हें कई चीज़ें स्पष्ट तौर पर बोलने में आसानी होती है. उन दिनों वे ज़्यादा रिकॉर्डिंग कर पाते हैं.
स्मार्ट ड्रग्स का सेवन करने वाले इन दवाइयों को लेकर बहुत भावुक होते हैं, लेकिन दिमाग़ पर उनका असर या तो प्रमाणित नहीं है या फिर बहुत कम है.

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